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हर भोजपुरिया देश को एक सरिता बुधू की जरूरत है’’- मनोज भावुक

सिने आजकल/सिहेक्ट मीडिया-

"अस्सी की उम्र में विश्व के सभी भोजपुरिया देशों के डेलीगेट्स को इकट्ठा कर लेना और सरकार द्वारा 'अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव' का सफलतापूर्वक आयोजन करा लेना डॉ. सरिता बुधू जैसे कर्मठ भोजपुरी प्रेमी, एक्टिविस्ट और कर्मयोगी के ही बस की बात है।"

उक्त बातें मीडिया से बातचीत में मॉरिशस से भारत लौटने पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार व भोजपुरी जंक्शन पत्रिका के संपादक मनोज भावुक ने कही।

मॉरिशस सरकार के कला और संस्कृति विरासत मंत्रालय के तत्वावधान में 6 मई से 8 मई 2024, को अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का आयोजन मॉरिशस के खूबसूरत समुंद्र तट लॉन्ग बीच पर बने पाँच सितारा होटल में किया गया जिसमें मनोज भावुक को दुनिया के चुनिंदा दर्जन भर लोगों में मॉरिशस सरकार द्वारा भारत से बतौर रिसोर्स पर्सन और पैनलिस्ट बुलाया गया था। वहां उन्होंने भोजपुरी सिनेमा के सफर और संभावना पर न सिर्फ अपनी बात रखी, बल्कि इसी विषय पर अपनी बनाई डॉक्यूमेंट्री भी दिखाया। विदित है कि भोजपुरी साहित्य व सिनेमा पर ऐतिहासिक काम के लिए मनोज भावुक को फेमिना और फिल्मफेयर द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

इस महोत्सव का उद्घाटन मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और समापन राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन ने किया। स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की चेयरपर्सन डॉ. सरिता बुधू ने की। कला और संस्कृति विरासत के मंत्री अविनाश तिलक ने कहा कि यह महोत्सव हमारे पूर्वजों को श्रद्धांजलि है।

तीन दिन सत्रह सत्रों में बंटे एकेडेमिक सेशन में मॉरीशस के विद्वानों के साथ इंग्लैंड से लोक सहदेव, फिजी से सुभाषिनी लता कुमार, सूरिनाम से श्रीमती लैला ललाराम, नाइजीरिया से हिमांशु त्रिपाठी, सिंगापुर से नीरज चतुर्वेदी, त्रिनिदाद से डॉ. भीषम, दक्षिण अफ्रीका से रामविलास,

नीदरलैंड से राजमोहन, नेपाल से गोपाल ठाकुर और भारत से आईपीएस व वरिष्ठ कवि-उपन्यासकार मृत्युंजय कुमार सिंह, डॉ. संध्या सिन्हा, डॉ. राजीव कुमार सिंह, गायक राकेश श्रीवास्तव, प्रोफेसर प्रभाकर सिंह (बीएचयू), वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश और डॉ. पीयूष रंजन झा प्रमुख वक्ता थे। पूर्व राज्यसभा सांसद व उद्योगपति आर के सिन्हा विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। प्रोफेसर गुरुचरण सिंह, अशोक श्रीवास्तव, प्रदीप

भोजपुरिया, हरेन्द्र सिंह, डॉ. उमाशंकर साहू, डॉ. राजेश मांझी व अमेरिका से आए सुभाष जी आदि डेलीगेट्स ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. नीतू कुमारी नूतन, मनीषा श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, राजमोहन और मॉरीशस के गायकों ने लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

महोत्सव में अनेक रिसोल्यूशन पास हुए। अगला भोजपुरी महोत्सव गोरखपुर व बनारस में करने की घोषणा हुई। सभी डेलीगेट्स को अप्रवासी घाट, गंगा तालाब, रामायण सेंटर, समुंद्री तट व अनेक रमणीय स्थलों का दर्शन भी कराया गया। इस महोत्सव को भोजपुरी के लिए एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है।

सी मीडिया मॉरीशस से खास खबर

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