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सेवा भाव ही सनातन धर्म है:स्वामी

Writer's picture: CINE AAJKALCINE AAJKAL

Updated: Dec 15, 2023

सिने आजकल नई दिल्ली - नयी दिल्ली,14 दिसंबर 2023 (एजेंसी)।साधक संजीव कुमार उर्फ स्वामी दादा ने आज कहा कि सेवा भाव ही सनातन धर्म का मूल सार है और इसी से विश्व कल्याण संभव है।

स्वामी ने यह बात एक इंटरव्यू के दौरान कही।उन्होंने कहा कि भारत ऋषि मुनियों का देश रहा है।यहाँ की विलक्षण प्रतिभा रही है।आदि काल से ज्ञान विज्ञान का केंद्र रहा है। इसे पूरा विश्व स्वीकार करता है।तभी आज हम विश्वगुरु कहलाते हैं।


हरिद्वार,कामाख्या एवं नेपाल के दुर्गम इलाकों में लंबे समय तक रहे स्वामी ने कहा कि गौ,गंगा, पर्यावरण एवं पशु पक्षी का संगरक्षण जरुरी है।तभी मानव जीवन सुव्यवस्थित रह सकता है।मोदी सरकार में इन चीजों के संगरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बिहार के मिथिला क्षेत्र के रहने वाले स्वामी ने एक सवाल के जबाव में कहा कि स्वामी धीरेंद्र ब्रह्मचारी योग के विश्वगुरु थे।इस क्षेत्र में उनका जोड़ा नहीं था।बचपन में उन्हें देखने का मौका मिला था।यह सौभाग्य की बात है।

उन्होंने कहा कि पृथक मिथिला राज्य के निर्माण से ही मिथिला का विकास संभव है।पूर्व प्रधान मंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली भाषा को संविधान के अष्टम सूचि में शामिल किया था। एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामी ने कहा कि अगर उन्हें राजनीति में आने का मौका मिला तो वह इस दायित्व को सेवा के रूप में निभाएंगे।एल.एस।म.के.मधुबाला पत्रकार।

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