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मकर संक्रांति में ठंड के बावजूद 10 हजार से अधिक लोगों ने स्नान कर किया दान

Writer's picture: CINE AAJKALCINE AAJKAL

सिने आजकल आरा बड़हरा बिहार। मकर संक्रांति पर्व पर प्रखंड के गंगा नदी घाटों पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई। इस वर्ष ज्यादा ठंड के बावजूद आस्था भारी रहा। हाड़ कपा देने वाली ठंड के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाट पर कम देखी गयी। स्नान क्षेत्र के पीपरपांती, बलुआ, केवटिया, महुली, सिन्हा, नेकनामटोला, बड़हरा, बबुरा समेत अन्य घाटों पर किया। उसके बाद लोगो ने नदी घाट व मंदिरो में पूजा अर्चना कर तिलकुट ग्रहण कर दान-पुण्य किया। पर्व पर स्नान के लिए लोग नीजि वाहनों से गंगा स्नान करने अहले सुबह से जाने लगे। जो दोपहर तक अनवरत जारी रहा। सबसे ज्यादा भीड़ महुली और सिन्हा नदी घाटों पर रहा। कुछ छोटे-छोटे दुकानदार ने दुकाने सजाई। घाटों पर बच्चों के खिलौने, जलेबी, पटौरा, सिंघाडा़, छोला, श्रृंगार के समान व अन्य बिक रहे थे। लोगों के सुरक्षा के मद्देनजर खवासपुर में ओपी इंचार्ज रितेश कुमार दूबे, सिन्हा ओपी इंचार्ज राजीव कुमार, कृष्णागढ़ थानाध्यक्ष विवेक कुमार और बड़हरा थाना के इंस्पेक्टर विजय प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात थे।

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नदी घाटों पर पुलिस तैनात कही पेट्रोलिंग की

मकर संक्रांति पर्व लेकर पुलिस ने विभिन्न नदी घाटो पर सुविधानुसार सभी थानाध्यक्ष सुरक्षा के प्रति सतर्क रहे। कृष्णागढ़ थाना क्षेत्र के पीपरपाती, बलुआ, केवटिया में कृष्णागढ़ थाना, खवासपुर में ओपी इंचार्य, सिन्हा व महुली, मौजमपुर में सिन्हा पुलिस, बड़हरा, नेकनामटोला, बबुरा समेत अन्य नदी घाटों पर बड़हरा पुलिस तैनात रही जो शाम तक डयूटी बजा रही थी। यहा भी श्रद्धालुओंं की ज्यादा भीड़ गंगा स्नान के लिए जुटी थी। जहां पुलिस व चौकीदार पेट्रोलिंग व डयूटी कर रहे थे।

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लाल लोटा में सूर्य को दे जल

मकर संक्रांति पर आचार्य पंडित नर्वदेश्वर उपाध्याय ने बताया कि इस दिन सुबह में गंंगा स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। श्रीमद्भागवद कथा या गीता का पाठ करें। नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें। भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं। भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें। किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से कई कष्ट से मुक्ति मिलती है।

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संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है। माना जाता कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है। मकर संक्रांति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है। शास्त्रों में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की विशेष महिमा बताई गई है।

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मकर संक्रांति देवताओं का दिन

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी ही नहीं, तिल से जुड़े दान और प्रयोग भी लाभ देते हैं। यह मौसम में परिवर्तन का समय होता है। ऐसे में तिल का प्रयोग विशेष हो जाता है। साथ ही सूर्य और शनि से लाभ लेने का भी खास दिन शास्त्र मेें माना गया है। इस दिन को देेेवताओ का दिन कहा गया है।

सी मीडिया से कमलेश कुमार पांडेय

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