सिने आजकल भोजपुर बिहार-
आरा स्थानीय लावारिस सेवा केंद्र के प्रांगण में डॉ केडी सिंह की व्यंग्य रचना "भोजपुरी पुड़िया" पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। अध्यक्षता प्रो बलराज ठाकुर ने की। कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत डॉ किरण कुमारी व संचालन भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष पत्रकार नरेंद्र सिंह ने की।
परिचर्चा पर बोलते हुए चर्चित आलोचक जितेंद्र कुमार ने कहा की केडी बाबू तातल विषयन पर खर खराह चउल आ ओरहन के निवेश बा "भोजपुरी पुड़िया" में। पुड़िया के माध्यम से इन्होंने सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक विसंगतियों पर करारा प्रहार सरल भोजपुरी भाषा में किया है। मोटे-मोटे साहित्य की अपेक्षा इन्होंने छोटे छोटे साहित्य की रचना कर समाज के बीच रखा है। पत्रकार नरेंद्र सिंह ने भोजपुरी पुड़िया के उद्भव पर प्रकाश डाला। इस दौरान डॉ केडी सिंह ने अपनी रचनाओं में से तीन रचना का पाठ किया। संबोधन में बलराज ठाकुर ने कहा कि केडी बाबू की रचना को प्रतितिधक रचना है। इनकी पुड़िया सामाजिक स्तर पर कई संदेश देती है। रचना कुरुतियों की प्रतिशोध के रूप में है। जो राजनीतिक ,सामाजिक और आर्थिक विषयों पर चोट कर रही है। मौके पर कवि जनार्दन मिश्र, डीएन सिंह, भरत जी, पोस्टल पेंशनर के मिथिलेश कुमार सिंह, शंभू नाथ, सुरेंद्र प्रसाद, शिव दास सिंह, जय प्रकाश चौधरी, कोइलवर जमालपुर के डॉ वीरेंद्र शर्मा आदि ने संबोधित किया। अंत में कवि केशव ठाकुर ने भिखारी ठाकुर के व्यंग्यात्मक गीत की प्रस्तुति कर परिचर्चा में भागीदारी निभाई। कार्यक्रम भाषा साहित्य , जसम, भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान व पेंशनर समाज के समर्थन पर आयोजित था।
सी मीडिया से कमलेश कुमार पांडेय
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