सिने आजकल नई दिल्ली - दिल्ली में बीजेपी के युवा नेता रवि तिवारी ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों का खाका बनाया। गंभीरता से उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में एकतरफा सीटें जीतती रही है। लेकिन विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित विफलता की कहानी बार-बार दोहराई जाती है। ताकि आने वाले चुनावों में दिल्ली की जनता को एक बेहतर विकल्प देने के लिए, भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली के अंदर विधानसभा चुनावों में कहाँ पर चूक हो रही है, इसकी गहन जांच करनी चाहिए। दिल्ली की जनता ने कांग्रेस की नाकामी और हताशा से भरे पंद्रह वर्षों का वनवास झेला। इसके बाद, दिल्लीवासियों ने 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल के झूठे दावों और फ्री के चक्कर में अपना समय बर्बाद कर दिया। चुनाव से पहले, केजरीवाल ने अपने सभी वायदों और दावों को खारिज कर दिया और सभी सुविधाओं का इस्तेमाल किया। केजरीवाल ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को सुधारने की बजाय मुफ्तखोरी की आदत डाल दी, जो अर्थव्यवस्था को बाधित कर दी। इस बार जनता अपने अतीत से सीखकर जागरूक हो गई है। जनता ने इस बार भारतीय जनता पार्टी को अवसर देने का निर्णय लिया है, जो राष्ट्रवाद, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को प्राथमिकता देते हुए मुफ्तखोरी और भ्रष्टाचार को पीछे रखता है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को इस बार के विधानसभा चुनाव में दो गुना अधिक तैयारी और उत्साह से उतरना होगा ताकि वह आम लोगों की भावनाओं को समझ पाए। जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों का गहन अध्ययन करके उनका समाधान करने के लिए एक व्यापक योजना के साथ आना चाहिए। दिल्ली बीजेपी के युवा नेता रवि तिवारी ने जनता से बातचीत करके कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है। जनता की शिकायतों पर उन्हें कुछ समस्याएं मालूम हुई हैं। फिलहाल, जब तक बीजेपी दिल्ली की सत्ता पर काबिज नहीं हो जाती, वह व्यक्तिगत स्तर पर इसका समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली का सबसे बड़ा मुद्दा लगातार बढ़ती आबादी है। दिल्ली देश की राष्ट्रीय राजधानी है, जहाँ हर जगह से लोग आते हैं। दिल्ली की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में देश की राजधानी पर आबादी का बोझ कम करना चाहिए। दिल्ली के आसपास टाउनशिप क्षेत्रों को विकसित करके वहाँ लोगों को बसाकर रोजगार देना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो दिल्ली में एक बड़ा जनसंकट होगा। इसके लिए बीजेपी को दिल्ली की सरकार में लाना होगा। मुफ्तखोरी से कोई लाभ नहीं होगा। भविष्य को देखते हुए किसी शहर को विकसित करना चाहिए। दिल्ली महानगर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जहरीली हवा के बीच मरते हुए लोगों को छोड़कर दस दिनों की छुट्टी ले ली। क्या वह लोगों को बताएँगे कि इस यात्रा से क्या फायदे हुए? विपश्यना यात्रा से प्रदूषण की कितनी कमी हुई है? भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में रैपिड परिवहन सेवा शुरू करने की योजना बनाई। वहाँ पर भी दिल्ली सरकार अपनी भागीदारी पूरी नहीं कर पा रही है। लेकिन विज्ञापन पर बहुत पैसा खर्च करता है। केजरीवाल सरकार का ध्यान दिल्ली की जनता को राहत देने से अधिक अपना प्रदर्शन करने पर है। केंद्र सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया है। रवि तिवारी ने जनता से चर्चा करके इन समस्याओं का विश्लेषण किया। बीजेपी दिल्ली इन समस्याओं का सामना करने के लिए प्रयास कर रही है। पार्टी प्रदूषण, असमानता और रोजगार के अवसरों को कम करने के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है।
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