सिने आजकल / सिहेक्ट मीडिया बड़हरा। लोककलाकार भिखारी ठाकुर की 137 वीं जयंती समारोह कोल्हरामपुर में मनाई गई। अध्यक्षता राजाराम सिंह प्रियदर्शी ने की।
प्रियदर्शी ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके साहित्यिक संघर्षों की बात कही। अराजपत्रित कर्मचारी संघ (गोप गुट) के जिला सचिव, उमेश कुमार 'सुमन' भोजपुरी बोले, लिखे, पढ़े के प्रेरणा, श्रोता को दिए। वहीं संस्था के सचिव अर्जुन कुमार ठाकुर ने "साचहूं के रहीं लीलाधारी जाने दुनिया सारी" से भीड़ में जोश भर दिए। भोजपुरी के महान कवि व गीतकार सुरेन्द्र शर्मा विशाल ने "काहे भूली गइल माई के दुलार बबुआ".से महफिल में चारचांद लगा दिए। भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूचि में शामिल कराने को ले प्रदेश महासचिव,राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ, बिहार, सीपी चक्रवर्ती ने भोजपुरी में कहा कि भिखारी ठाकुर के वर्तमान दौर में आपन भासा साहित्य के जवन ऊंचाई देनी कि दुनिया के कोना कोना तक पहुंचावे के काम कइनी और अपने नाटक को लोगों के बीच तक पहुंचावे में अथक प्रयास किये। प्रो विजय कहा कि उनके तात्कालिक दौर में परेशानियां से सबक ले वे समाज को आईना दिखाने का काम किए। मंच संचालन महेन्द्र प्रताप शर्मा ने किया।
मौके पर डा वीरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी जीवनी के साथ साथ हिन्दी साहित्य के रचना में सदा लीन रहते हैं। वे बच्चों के लिए भोजपुरी में मनोहर पोथी भी लिखे हैं । दाउदपुर, दानापुर से आये हिन्दी, मगही भोजपुरी के जन कवि अनील कुमार 'सुमन' ने भिखारी ठाकुर के जीवन कृत्यों और रचनाओं पर विशेष प्रकाश डाला। मानवाधिकार कार्यकर्ता मंजू कुमारी, प्रो सियामती राय, प्रो ब्रजेश कुमार ने बताया कि भिखारी ठाकुर दुनिया के विद्वानों में अग्रणी थे। मौके पर शिक्षक नीरज कुमार, पूर्व मुखिया विजय कुमार राय, काशीनाथ प्रसाद, सच्चिदानन्द राय, सुनील कुमार, शंकर भगवान शर्मा, मोहनजी, लालमोहर, मालती देवी, पूर्व जिला परिषद सदस्य, विनोद राय, अजय राय, रामा शंकर राय समेत अन्य ने अपना अपना बात रखा।
सी मीडिया से कमलेश कुमार पांडेय की रिपोर्ट
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