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सिहेक्ट मीडिया नई दिल्ली से रिज़वान रज़ा की खास खबर-- राज्यसभा से 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया ये निलंबन एक या दो दिन के लिए नहीं, बल्कि पूरे सत्र के लिए लगाया गया है। इस लिये निलंबित सांसद शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में नहीं रह सकते। इन सांसदों को मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने के आरोप में निलंबित किया गया था उस दिन हुई घटना पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था, उस दिन जो कुछ हुआ, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है. इन राज्यसभा सांसदों को नियम 256 के तहत निलंबित किया गया है इन्हीं सांसदों के निलंबन के विरोध में सांसद राजमणि पटेल के समर्थन में अनेकों समर्थक देश के अलग अलग भागों से ओ.बी.सी कार्यकर्ता सांसद का हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से सांसद राजमणि पटेल के निवास स्थान पर एकत्र हुए और उनसे मुलाकात की सभी सहयोगियों ने एक स्वर में भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की सरकार सत्ता के नशे में इतनी मदहोश हो गई है कि वह जन प्रतिनिधियों की आवाज को दमनकारी नीति के तहत दबा रही है लोगों ने सरकार को आरोपित करते हुए कहा कि सरकार देश के अहम मुद्दों पर चर्चा करने से बचने के लिए इस तरह की बचकानी हरकत कर रही है। आज तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं कि पुराने अधिवेशन का मामला नए अधिवेशन में उठाया जाय। अगर सरकार वास्तविक में न्याय प्रिय है तो किसानों को बेरहमी से कार द्वारा कुचने वालों को संरक्षण देने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री को बखर क्यों नहीं कर रहे ? देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के तहत सात सो किसान मारे जा चुके है जबकि उन किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया हजारों आंदोलनकारी किसानों पर सरकार द्वारा मुकदमा कायम किया गया है। किसानों को जेल में बन्द को जेल जा चुका है लोगों का आरोप है कि सरकार किसान बिल की वापसी फजीहत से बचने के लिये अपनी शक्तियों को गलत इस्तेमाल कर रही है जबकि आंदोलनकारी किसानों को किसान न मानने वाली सरकार अब उन्ही किसानों से कृषि कानून वापसी के बाद आंदोलन खत्म करने की बात के कर है। किसानों के हित में अपनी आवाज बुलंद करने वाले सांसद राजमणि पटेल के समर्थकों ने चेतवनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने सांसदों का निलंबन यदि शीघ्र वापस नहीं दिया गया दो देशभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
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