सी मीडिया नई दिल्ली--
ज्योतिषाचार्या नमिता
सर्व कल्याणकारी संस्थान
आषाढ़ कृष्ण पक्ष, अमावस्या 2079 राक्षस, विक्रम सम्वत
सूर्योदय एवं चन्द्रोदय
सूर्योदय : 05:26
सूर्यास्त : 19:23
चन्द्रोदय : चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त : 19:53
तिथि : अमावस्या - 08:21 तक, प्रतिपदा
नक्षत्र : आर्द्रा - 22:09 तक, पुनर्वसु
योग : वृद्धि - 08:51 तक, ध्रुव
करण : नाग - 08:21 तक, किंस्तुघ्न - 21:36 तक, बव
वार : बुधवार
पक्ष : कृष्ण पक्ष
राशि तथा नक्षत्र
चन्द्र राशि : मिथुन
नक्षत्र पद : आर्द्रा 2 - 08:37 तक
आर्द्रा 3 - 15:23 तक
आर्द्रा 4 - 22:09 तक
पुनर्वसु 1 - 04:54 जून 30 तक
पुनर्वसु 2
सूर्य राशि : मिथुन
सूर्य नक्षत्र : आर्द्रा
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त : 04:06 से 04:46
प्रातः सन्ध्या : 04:26 से 05:26
अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
विजय मुहूर्त : 14:44 से 15:40
गोधूलि मुहूर्त : 19:09 से 19:33
सायाह्न सन्ध्या : 19:23 से 20:23
अमृत काल : 10:52 से 12:40
निशिता मुहूर्त : 24:05 से 24:45
अशुभ समय
राहुकाल : 12:25 से 14:09
यमगण्ड : 07:11 से 08:55
दुर मुहूर्त : 11:57 से 12:52
गुलिक काल : 10:40 से 12:25
दिशा शूल - उत्तर
चन्द्र वास - पश्चिम
अग्निवास - पृथ्वी - 08:21 तक, पाताल
शिववास - गौरी के साथ - 08:21 तक, श्मशान में
आज का व्रत/ त्यौहार - आषाढ़ अमावस्या
क्या करें, क्या न करें -
-> आज के दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें।
-> पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी निर्धन को दान-दक्षिणा दें।
-> अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें।
-> आज के दिन तेल से मालिश न करें और न ही दाढ़ी, नाखून या बाल काटें।
-> आज के दिन किसी भी तरह का नशा न करें।
-> अमावस्या के दिन परिवार वालों से वाद-विवाद व झगड़ा न करें। न ही क्रोध करें और न किसी को अपशब्द बोले। अन्यथा पितरों की आत्मा को कष्ट होता है।
-> दोपहर में और सूर्यास्त के समय न सोए।
-> अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने पितरों का स्मरण करें। पीपल की सात बार परिक्रमा करें।
आज का विशेष उपाय - पीपल के नीचे मिष्ठान व जल रखकर दीप जलाएं।
यात्रा के लिए उपाय - हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र - "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:"
आज भोजन में ना खाएं - तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।
आषाढ़ माह - पका बेल खाना मना है।
नोट - प्रातःकाल पवित्र पंचांग का अध्ययन व मनन अवश्य करें।जनहितार्थ, अपने सभी शुभचिंतकों को भी प्रेषित कर पुण्य लाभ अर्जित करें। इससे शुभ व अशुभ समय का ज्ञान होता है। अभिजीत मुहूर्त अत्यंत शुभ होता है। इस समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी शुभ होते हैं। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ न करें।
राधे राधे 🙏💐🙏
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